सैंपल जुटाती टीम।
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लुधियाना नगर निगम के कर्मचारियों ने सोमवार को गैस रिसाव वाली जगह की जांच की और वहां साफ-सफाई भी कर दी। उस मैनहोल का ढक्कन बदलवा कर सील कर दिया है, जहां से गैस का रिसाव होने की आशंका है। वहीं, लोग सवाल उठा रहे हैं कि मामले की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश है तो वहां साफ-सफाई क्यों कराई गई। कहीं सच छिपाने की कोशिश तो नहीं? सीवरेज लाइन के आसपास के सैंपल लेने चाहिए थे।
वहीं, एनडीआरएफ के अधिकारी डीएल जाखड़ ने बताया कि गैस का पता चलने के बाद उन्होंने सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों से बात की थी और अपने एक्सपर्ट्स से भी बात की। प्रशासन के साथ मिल हल निकाला और गैस का असर कम करने के लिए काम किया। घटनास्थल के आस-पास काफी फैक्टरियां हैं, जिनमें बड़ी और छोटी फैक्टरियां शामिल हैं। इनका गंदा पानी सीवरेज लाइन में ही आता है। प्रशासन के लिए यह जांच करना मुश्किल हो रहा है कि सीवरेज में केमिकल युक्त अपशिष्ट कहां से आया और गैस कैसे बनी?
400 से ऊपर मिली गैस की मात्रा, केमिकल डाल कम किया असर
घटना के दूसरे दिन एनडीआरएफ की जांच में सीवरेज लाइन में हाइड्रोजन सल्फाइड गैस की मात्रा 400 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) से ऊपर पाई है, जो सामान्य तौर पर 10 पीपीएम होनी चाहिए। यह ज्वलनशील भी है। इस दौरान जांच के लिए नमूने लेने के लिए सफाई की गई और गैस की मात्रा कम करने के लिए अन्य केमिकल डाले गए। इसके बाद ही गैस का असर कम हुआ।