डॉ. पिंकी परगल के नेतृत्व में एक टीम, प्लास्टिक, पुनर्निर्माण सर्जरी और बर्न विभाग, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, लुधियाना में प्रोफेसर और प्रमुख के रूप में काम कर रही थी, जिन्होंने लुधियाना के 25 वर्षीय एक मरीज का इलाज किया, जो मारपीट का मामला था। इसमें मरीज की बाएं हाथ की हथेली पूर्णता अलग हो गई थी। रोगी को सिर की चोट (EDH) सहित कई अन्य चोटें लगी थीं। उपचार करने वाली टीम ने इस चुनौती को स्वीकार किया और मरीज को तत्काल री-इम्प्लांट प्रक्रिया के लिए लिया गया। 6 घंटे तक चली सर्जरी के बाद उनके हाथ को री-इंप्लांट कर दिया गया। प्रक्रिया के बाद उसका हाथ अच्छी तरह से पुरा जूड गया था और रोगी वर्तमान में अच्छा कर रहा है, उसे प्लास्टिक सर्जरी वार्ड में भर्ती कराया गया और कुछ दिनों के भीतर छुट्टी देने की योजना बनाई गई है। डॉ. पिंकी परगल ने संतोष व्यक्त किया और ईश्वर को धन्यवाद दिया कि वह अपने हाथ के कार्य को इस्तेमाल करने में सक्षम थी और रोगी को अक्षम होने से बचा लिया। यह उल्लेख करना उचित है कि बहुत कम संस्थानों में ऐसी स्थितियों का इलाज करने की क्षमता है, सी.एम.सी. अस्पताल ऐसी माइक्रोवास्कुलर सर्जरी का अग्रणी है। आम जनता में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है कि कटे हुए अंगों को बचाया जा सकता है, बशर्ते कि कटे हुए हिस्सों को उचित स्थिति में और गोल्डन पीरियड के 6 घंटे के भीतर लाया जाए। सर्जरी में उनकी सहायता करने वालों में डॉ. पल्लवी निगम, डॉ. जुनाइस पी.एम., डॉ. अनुराग सलवान, और डॉ. रणदीप सिंह लांबा और प्लास्टिक सर्जरी तकनीशियन श्री डेविड मसीह शामिल थे। एनेस्थेटिस्ट टीम का नेतृत्व डॉ. दुतिका लिडल और डॉ. स्वप्नदीप मक्कड़ और डॉ. शुभम लूथरा ने किया। आर्थोपेडिक टीम में डॉ. नवप्रीत सिंह ने किया।