मानव शरीर में हृदय एक ऐसा अंग है, जो परिसंचरण तन्त्र के माध्यम से सम्पूर्ण मानव शरीर में रक्त को पंप करने, ऊतकों को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करने और कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य अपशिष्ट को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करता है।-डॉ गुरभेज सिंह. एमडी, डीएम कार्डियोलॉजी

क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज लुधियाना  विभाग कार्डियोलॉजी  के प्रमुख डॉ गुरभेज सिंह. एमडी, डीएम कार्डियोलॉजी ने कहा  Human Heart Anatomy  मानव शरीर में हृदय एक ऐसा अंग है, जो परिसंचरण तन्त्र के माध्यम से सम्पूर्ण मानव शरीर में रक्त को पंप करने, ऊतकों को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करने और कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य अपशिष्ट को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करता है। हृदय की धड़कनों के आधार पर व्यक्ति के स्वास्थ्य का अनुमान लगाया जाता है। व्यायाम, भावनाएं, बुखार, बीमारियां और कुछ दवाएं हृदय की गति (धड़कनों) को प्रभावित कर सकती हैं। चूँकि वर्तमान समय में हृदय रोग के परिणामस्वरुप मृत्यु दर में वृद्धि हुई है, जिसका कारण व्यक्तियों को हृदय की संरचना, कार्य और स्वास्थ्य अभ्यास के बारे जानकारी न होना है। इस लेख में आप मानव हृदय की संरचना, हृदय की आंतरिक संरचना, हृदय की कार्य प्रणाली, रोग और उपचार के बारे में जान सकते हैं।

हृदय से सम्बंधित तथ्य

एक मानव हृदय मोटे तौर पर एक बड़ी मुट्ठी के आकार का होता है।

हृदय का वजन पुरुषों में लगभग 10 से 12 औंस (280 से 340 ग्राम) और महिलाओं में 8 से 10 औंस (230 से 280 ग्राम) होता है।

दिल प्रति दिन लगभग 100,000 बार धड़कता है। और प्रतिदिन शरीर में 2,000 गैलन (gallons) रक्त को पंप करता है।

एक वयस्क का दिल प्रति मिनट 60 से 80 बार धड़कता है।

नवजात शिशुओं के दिल वयस्क दिलों की तुलना में अधिक तेज धड़कते हैं, लगभग 70 से 190 बीट प्रति मिनट।

दिल छाती के केंद्र में स्थित है, जो आमतौर पर थोड़ा बाएं ओर रहता है।

मानव हृदय की संरचना

मानव हृदय, मुट्ठी के आकार का एक पेशीय अंग (muscular organ) है, जो ब्रेस्टबोन (breastbone) के पीछे थोड़ा बाएं ओर स्थित होता है। हृदय सम्पूर्ण शरीर में धमनियों और शिराओं के जाल के माध्यम से रक्त को पंप करने का कार्य करता है, जिसे कार्डियोवास्कुलर सिस्टम (cardiovascular system) कहा जाता है।

 

हेनरी ग्रे (Henry Gray’s) के अनुसार, पुरुषों में हृदय (दिल) का वजन लगभग 280 से 340 ग्राम और महिलाओं में 230 से 280 ग्राम तक हो सकता है।

 

दिल की बाहरी दीवार, तीन परतों से मिलकर बनी होती है।

 

एपिकार्डियम (epicardium) – यह दिल की सबसे बाहरी सुरक्षात्मक परत होती है, जो पेरिकार्डियम (pericardium) की आंतरिक दीवार है।

मायोकार्डियम (myocardium)–यह मध्य परत है, जो संकुचित होने वाली मांसपेशी से बनी होती है।

एंडोकार्डियम (endocardium) – यह हृदय की आंतरिक परत है,जो रक्त के संपर्क में रहती है।

कोरोनरी धमनियां (coronary arteries) हृदय की सतह पर पाई जाने वाली रक्त वाहिकाएं होती हैं और हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रदान करने का कार्य करती हैं। तंत्रिका ऊतक की एक झिल्ली (अस्तर), जो हृदय को घेरे रहती है, पेरीकार्डियम (pericardium) कहलाती है। यह दोहरी दीवार वाली झिल्ली संकुचन और विश्राम को नियंत्रित करने वाले जटिल संकेतों का संचालन करती है, तथा हृदय  की रक्षा करती है।

सिनोट्रायल नोड (sinoatrial node) हृदय को संकुचित करने के लिए इलेक्ट्रिकल पल्सेस का उत्पादन करता है।

मनुष्य हृदय के कक्ष – Chambers of the Heart

मानव हृदय में चार कक्ष या चेंबर (प्रकोष्ट) पाए जाते हैं: दो ऊपरी कक्ष, जो रक्त ग्रहण करते हैं, वह आलिन्द (Atria) कहलाते हैं और दो निचले कक्ष, जो रक्त का निर्वहन करते हैं, उन्हें निलय (Ventricles) कहा जाता है।

दायां आलिंद तथा दायां निलय आपस में मिलकर “दायें हृदय” का निर्माण करते हैं, और बायाँ अलिंद तथा बायाँ निलय आपस में मिलकर “बायाँ हृदय” का निर्माण करते हैं। सेप्टम नामक मांसपेशी (septum muscle) इन दोनों भागों को अलग करती है।

दायां आलिंद (right atrium) – दाहिने आलिंद (right atrium), रक्त कोशिरा (veins) से प्राप्त करता है, और इसे दाएं निलय (right ventricle) में पंप करता है।

दायां निलय (right ventricle) – दाएंनिलय (right ventricle) को दायें आलिंद (right atrium) से रक्त प्राप्त होता है, और यह निलय इस रक्त को फेफड़ों (lungs) में पंप करता है, जहां रक्त में ऑक्सीजन घुलती है।

बायां आलिंद (left atrium) – बायां आलिंद (left atrium), फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त रक्त को प्राप्त करने के बाद, रक्त को बाएं निलय (left ventricle) में पंप करता है।

बायांनिलय (left ventricle) – बाएं निलय हृदय का सबसे मजबूत कक्ष होता है। बायां निलय शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन युक्त रक्त को पहुँचाने के कार्य करता है। बाएं निलय (left ventricle) का तेजी से संकुचन ही रक्तचाप को उत्पन्न करता है।

हृदय के वाल्व – Heart valve

प्रत्येक मनुष्य के हृदय में चार वाल्व होते हैं, जो रक्त को केवल एक ही दिशा में बहने के लिए प्रेरित करते हैं।

महाधमनी वाल्व (Aortic valve) – यह बाएं निलय (left ventricle) और महाधमनी के बीच उपस्थित होता है।

माइट्रल वाल्व (Mitral valve) – यह बाएं आलिंद और बाएं निलय के बीच उपस्थित होता है।

पल्मोनरी वाल्व (Pulmonary valve) – यह दाएं निलय (right ventricle) और पल्मोनरी धमनी के बीच होता है।

ट्रिकस्पिड वाल्व (Tricuspid valve) – यह दाएं आलिंद (right atrium) और दाएं निलय (right ventricle) के बीच का वाल्व होता है।

हृदय की धड़कन की आवाज अर्थात “लब-डब” ध्वनि का उत्पादन इन्ही वाल्व के कारण होता है। “लब” की ध्वनि ट्रिकस्पिड वाल्व और माइट्रल वाल्व के बंद होने से आती है, और “डब” ध्वनि पल्मोनरी और महाधमनी वाल्व के बंद होने के कारण आती है।

रक्त वाहिकाएं – Blood vessels

रक्त वाहिकाएं तीन प्रकार की होती हैं:

धमनियां (Arteries) –धमनियां हृदय से ऑक्सीजन युक्त रक्त को शरीर के विभिन्न हिस्सों तक ले जाने का कार्य करती है। यह मजबूत और लोचदार दीवार युक्त होती हैं।

शिराएं (Veins) – ये ऑक्सीजन रहित रक्त (deoxygenated blood) को वापस हृदय तक लाने का कार्य करती हैं। हृदय के पास पहुंचने पर शिराओं का आकार बड़ा हो जाता है। शिराओं में धमनियों की अपेक्षा पतली दीवार होती हैं।

केशिकाएं (Capillaries) – यह केशिकाएं, छोटी धमनियों और सबसे छोटी शिराओं को आपस में जोड़ने का कार्य करती हैं। इनकी बहुत पतली दीवार होती है, जो आसपास के ऊतकों से यौगिकों (जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, पानी, ऑक्सीजन, अपशिष्ट और पोषक तत्वों) का आदान-प्रदान करने की अनुमति देती हैं।

Dr Gurbhej Singh.

MD,DM Cardiology (SCTIMST) Fellowship Inerventional cardiology.

Gernal opd (8 AM -1PM) Mon/Sat Private (8 AM-1PM) Tue/Wed/Fri

Associate Professor CMCH  Whatsapp 7657990499 

Christian Medical College Ludhiana  Support this important day - World Blood Cancer Day

Brown Road, Ludhiana, INDIA. 141008

 

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