Artificial intelligence की काफी समय से चर्चा हो रही है। आपने भी इस तकनीक के बारे में सुना होगा। जाहिर है आपके मन में भी यह सवाल उठा होगा कि यह तकनीक क्या है और कैसे काम करती है। तो इसके जवाब आपको नीचे मिलेगा।
नई दिल्ली,। पिछले कई वर्षों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) पर चर्चा हो रही है। दुनिया में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। यह तकनीक फोन या कंप्यूटर में उपलब्ध शतरंद जैसे गेम, गूगल और एलेक्सा वॉयस असिस्टेंट समेत रोबोट जैसे डिवाइस के रूप में मौजूद है। हालांकि, इस तकनीक पर अब भी काम चल रहा है। आज हम आपको यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बताएंगे कि यह प्रणाली क्या है, कैसे काम करती है और क्या इसके फायदे एवं नुकसान हैं। आइए जानते हैं…
क्या है Artificial intelligence
आर्टिफिशियल इटेलिजेंस (Artificial intelligence) दुनिया की श्रेष्ठ तकनीकों में से एक है। यह दो शब्दों आर्टिफिशियल और इंटेलिजेंस से मिलकर बनी है। इसका अर्थ है “मानव निर्मित सोच शक्ति। इस तकनीक की सहायता से ऐसा सिस्टम तैयार किया जा सकता है, जो मानव बुद्धिमत्ता यानी इंटेलिजेंस के बराबर होगा। इस तकनीक के माध्यम से अल्गोरिदम सीखने, पहचानने, समस्या-समाधान, भाषा, लाजिकल रीजनिंग, डिजिटल डेटा प्रोसेसिंग,बायोइंफार्मेटिक्स तथा मशीन बायोलाजी को आसानी से समझा जा सकता है। इसके अलावा यह तकनीक खुद सोचने, समझने और कार्य करने में सक्षम है।
सन 1955 में Artificial intelligence का हुआ जन्म
सन 1955 में जॉन मेकार्थी ने आधिकारिक तौर पर इस तकनीक को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नाम दिया था। आपको बता दें कि जॉन मेकार्थी अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। मशीनों को स्मार्ट बनाने के लिए उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को परिभाषित किया था।
चार प्रकार की होती है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
Reactive Machines :– यह सबसे पुरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम की फॉर्म है। ये मशीन पुराने डेटा को संग्रहीत करने में सक्षम नहीं होती और निर्णय लेने के लिए पिछले अनुभवों का इस्तेमाल भी नहीं करती हैं। यह लिमिटेड डेटा स्टोर करके प्रतिक्रिया देती है। उदाहरण के तौर पर IBM ने वर्ष 1997 में शतरंज खेलने वाला सुपर कंप्यूटर “Deep Blue” जिनसे उस समय के मशहूर शतरंज खिलाड़ी Garry kasparov को हराया था। इस सुपर कंप्यूटर में मेमोरी को स्टोर करने की सुविधा नहीं दी गई थी। डीप ब्लू ने विरोधी की वर्तमान चाल को देखते हुए खेल खेला था।
Limited Memory :- इस फॉर्म की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पिछले समय का डेटा स्टोर करती है और पुराने डेटा का इस्तेमाल करके भविष्य में होने वाली गतिविधियों के बारे में बताती है। दिलचस्प बात यह है कि यह प्रणाली खुद सीखने और फैसला लेने में सक्षम है।
Theory of Mind :- इस प्रकार की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों द्वारा मानव मस्तिष्क की सीमा तक पहुंच गई है। इस समय कई मशीन वॉयस असिस्टेंट के तौर पर काम कर रही हैं। फिलहाल, इस प्रकार पर काम चल रहा है।
Self-conscious :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस प्रकार पर काम चल रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रणाली के आने से रोबोट्स इंसानों की तरह यह जान सकेंगे कि उनका वजूद क्या है। इसके बाद इंसानों और मशीनों में कोई अंतर नहीं रह जाएगा।
कैसे काम करती है Artificial intelligence
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग का एक भाग है। इस तकनीक का सपोर्ट हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में दिया जाता है, ताकि एल्गोरिदम को आसानी से समझा जा सकता है। एआई किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का पर्याय नहीं है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तीन स्किल पर करती है काम
1. लर्निंग प्रोसेस :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेटा प्राप्त करने और इसे योग्य जानकारी में बदलने के लिए नियम बनाने पर केंद्रित है। इन्हें एल्गोरिदम कहा जाता है। ये एल्गोरिदम कंप्यूटर सिस्टम को कार्य पूरा करने में मदद करते हैं।
2. रीजनिंग प्रोसेस :- इस स्किल के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वांछित परिणाम तक पहुंचने के लिए सही एल्गोरिदम का चुनाव करती है।
3. सेल्फ-करेक्शन प्रोसेस :- इस स्किल के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम को अपने-आप ठीक करती है, ताकि यूजर्स को सटीक परिणाम मिल सकें।
Artificial intelligence से होने वाले फायदे
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से देश के मेडिकल सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है। इस तकनीक से एक्सरे रीडिंग जैसे तमाम काम आसान हो जाएंगे। डॉक्टर्स को अनुसंधान में मदद मिलेगी। इतनी ही नहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज किया जा सकेगा।
- स्पोर्ट्स के क्षेत्र को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बहुत फायदा होगा। खिलाड़ी इस तकनीक के जरिए अपनी परफॉर्मेंस पर नजर रख सकेंगे। इसके अलावा लोगों को तकनीक से खेल को आसानी से समझने की सुविधा मिलेगी।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से स्कूल और कॉलेज से लेकर कृषि के क्षेत्र से जुड़े लोगों को बहुत फायदा होगा
Artificial intelligence से होने वाले नुकसान
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ेगी, क्योंकि आने वाले वक्त में इंसानों की जगह मशीनों से काम कराया जाएगा।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से मानव जाति का अंत हो सकता है, क्योंकि रोबोट्स इस तकनीक के जरिए अपने आप को विकसीत करके खुद खतरनाक हथियार बना सकते हैं। हालांकि, इस दौर को आने में अभी बहुत समय