लकवा (पक्षाघात) के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव-डॉक्‍टर। राजेश्वर

– Paralysis Symptoms, Causes, Treatment And Prevention
Paralysis पैरालिसिस यानि लकवा या पक्षाघात होने पर शरीर के विभिन्न हिस्सों की मांसपेशियों के कार्यों को नुकसान पहुँचता है। क्या आप शरीर के कुछ अंगों में कमजोरी और उनकी कार्यक्षमता में कमी को महसूस करते हैं? शरीर के कुछ हिस्से या सम्पूर्ण शरीर को स्थानांतरित करना मुश्किल होता हैं? क्या आप शरीर के अंगों में सुन्नता महसूस करते हैं? तो यह लकवा अर्थात पक्षाघात की स्थिति के लक्षण हो सकते हैं। लकवा मारने के कारण विभिन्न व्यक्तियों में भिन्न हो सकते हैं, जिनमें से कुछ गंभीर, और कुछ आसानी से उपचार योग्य होते हैं। कारण के आधार पर लकवा की बीमारी अस्थायी या स्थायी हो सकती है। लकवा को पक्षाघात या पैरालिसिस के नाम से भी जाना जाता है।


लकवा (पक्षाघात) क्या है – What is paralysis
पक्षाघात की स्थिति (पैरालिसिस) में शरीर के विभिन्न हिस्सों की मांसपेशियों के कार्यों को नुकसान पहुँचता है। यह आंशिक या पूर्ण, तथा स्थायी या अस्थायी हो सकता है। पक्षाघात शरीर के किसी भी हिस्से को किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकता है। लकवा अर्थात् पक्षाघात की स्थिति में व्यक्ति को प्रभावित क्षेत्रों में दर्द महसूस नहीं होता है।

जन्म दोष या अचानक चोट के कारण उत्पन्न लकवा की स्थिति में प्रभावित शरीर के किसी भी हिस्से में कुछ भी महसूस नहीं होता है और प्रभावित अंग को हिलाया डुलाया नहीं जा सकता है। मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी एक चिकित्सा स्थिति में भी व्यक्ति को लकवा मार जाता है, इस स्थिति में व्यक्ति झुनझुनी या मांसपेशियों की कमजोरी को महसूस कर सकता है। लकवा (पैरालिसिस) मारने की स्थिति में साँस लेने में असुविधा और रक्त प्रवाह में समस्या उत्पन्न हो सकती है।
पैरालिसिस के प्रकार – Paralysis
पक्षाघात की स्थिति (paralysis) अनेक प्रकार का होता है, जो कि निम्न हैं:

पूर्ण पक्षाघात (Complete paralysis) – पूर्ण पक्षाघात (Complete paralysis) की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति लकवाग्रस्त मांसपेशियों में किसी भी प्रकार की संवेदनाओं को महसूस नहीं कर सकता तथा मांसपेशियों को स्थानांतरित या नियंत्रित नहीं कर सकता है।

आंशिक या अपूर्ण पक्षाघात (Partial or incomplete paralysis) – आंशिक या अपूर्ण पक्षाघात की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति कुछ संवेदनाओं को महसूस कर सकता है, और लकवाग्रस्त मांसपेशियों को कुछ हद तक नियंत्रित भी कर सकता है। इस प्रकार के पैरालिसिस को कभी-कभी पैरेसिस (paresis) भी कहा जाता है।

स्थानीयकृत पक्षाघात (Localized paralysis) – स्थानीयकृत पक्षाघात की स्थिति सिर्फ एक विशिष्ट क्षेत्र जैसे- चेहरे, हाथ, पैर, स्वर रज्जु (vocal cords) और अन्य को प्रभावित करती है।

सामान्यीकृत पक्षाघात (Generalized paralysis) – सामान्यीकृत पक्षाघात उन स्थितियों का एक समूह है, जो शरीर के अनेक हिस्सों को प्रभावित कर सकता हैं। इस प्रकार के पैरालिसिस में शामिल हैं:
मोनोप्लेजिया (monoplegia) – यह केवल शरीर के एक अंग जैसे- एक हाथ या एक पैर को प्रभावित करता है। इस स्थिति में हाथों पैरों का अकड़ना, कमजोरी, सुन्नता, प्रभावित अंग में दर्द, इत्यादि लक्षण प्रगट हो सकते हैं।
हेमीप्लेजिया (hemiplegia) – यह पैरालिसिस शरीर के लेफ्ट साइड या राइट साइड के हाथ और पैर को प्रभावित करता है।
पैराप्लेजिया (Paraplegia) – यह कमर के नीचे, दोनों पैरों को प्रभावित करता है।
क्वाड्रिप्लेजिया या टेट्राप्लेजिया (quadriplegia, or tetraplegia) – यह दोनों भुजाओं और दोनों पैरों को प्रभावित करता है।
डायप्लेजिया (Diplegia) – यह शरीर के दोनों तरफ एक विशेष क्षेत्र जैसे- दोनों हाथ, दोनों पैर या चेहरे को प्रभावित करता है।
लॉक-इन सिंड्रोम (Locked-in syndrome) – यह पैरालिसिस (लकवा) का सबसे दुर्लभ और सबसे गंभीर रूप है, जहां एक व्यक्ति आंखों की गति के अलावा, अन्य सभी मांसपेशियों पर से नियंत्रण खो देता है।
पैरालिसिस के अन्य प्रकार – Other types of paralysis
पीरियाडिक पैरालिसिस (Periodic paralysis) – यह कुछ गुणसूत्रों में परिवर्तन के कारण होता है।
स्लीप पैरालिसिस (Sleep paralysis) – यह सोते हुए या सोते समय अस्थायी पक्षाघात की स्थिति है।
बेल्स पाल्सी (Bell’s palsy) – यह चेहरे के एक तरफ अचानक कमजोरी, कान का दर्द या चेहरे के दर्द का कारण बनता है।
टॉड पैरालिसिस (Todd’s paralysis) – यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, यह अस्थाई पैरालिसिस है, जिसे मिर्गी (epilepsy) वाले व्यक्ति महसूस कर सकते
हैं।
लकवा के लक्षण – Paralysis symptoms
लकवा की बीमारी (पैरालिसिस) के लक्षण को आसानी से पहचाना जा सकता है। पक्षाघात की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति, शरीर के एक विशिष्ट या व्यापक क्षेत्र में संवेदनाओं को महसूस करने और प्रभावित हिस्से को हिलाने डुलाने में असमर्थ होते हैं। कभी-कभी सम्पूर्ण पक्षाघात होने से पहले झुनझुनी या सुन्नता को महसूस किया जा सकता है। पक्षाघात की स्थिति में शरीर के प्रभावित अंगों की मांसपेशियों को नियंत्रित करना मुश्किल या असंभव होता है। कुछ मामलों में पैरालिसिस की प्रारंभिक स्थिति में निम्न लक्षणों को महसूस किया जा सकता है, जैसे:

चेहरे की एक तरफ अचानक कमजोरी
हाथ पैर की मांसपेशियों में कमजोरी
अस्पष्ट भाषण
हाँथ पैर में झुनझुनी या सुन्नता, इत्यादि।
अगर किसी व्यक्ति को कमजोरी या पक्षाघात के लक्षणों का अनुभव होता है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। कुछ गंभीर स्थितियां, जो तुरंत चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करने की ओर संकेत देती हैं, निम्न हैं:

अचानक शरीर के किसी अंग को हिलाने डुलाने में असुविधा होना
गिरने या कार दुर्घटना के कारण एक गंभीर चोट
बोलने, सांस लेने या निगलने में समस्या उत्पन्न होने पर, इत्यादि।
लकवा से बचने के उपाय – how to prevent paralysis
लकवा की बीमारी से बचने और इसके लक्षणों की रोकथाम के लिए निम्न तरीकों का पालन करना अतिआवश्यक है, जैसे:

स्वस्थ जीवन शैली बनाये रखें।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
नियमित रूप से व्यायाम करें

दुर्घटना, पक्षाघात का एक प्रमुख कारण है। अतः शराब या ड्रग्स का सेवन कर ड्राइविंग न करें, दुर्घटना से खुद को बचाने के लिए सीट बेल्ट, एयरबैग और हेलमेट पहनें।
समय से पहले जन्म (Premature birth) भी बच्चे के लकवाग्रस्त होने का एक प्रमुख कारण बनता है। अतः प्रसवपूर्व अच्छी देखभाल, समय से पहले जन्म के जोखिम को रोकने में मदद कर सकती हैयदि ऊपर बताई गई किसी भी स्थिति से आप गुजर रहे है तो बेहतर यही है की आप किसी डॉक्टर के पास जाएं और अपना जाँच-पड़ताल कराएं | इलाज के लिए आप क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल लुधियाना (पंजाब से परामर्श कर सकते है | इस संस्था में मौजूद सभी डॉक्टर पंजाब के सर्वश्रेष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट में से एक है, जो इस समस्या का इलाज कर, इससे छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकते है |

डॉक्‍टर। राजेश्वर

एमबीबीएस, एमडी, डीएम (न्यूरोलॉजी) प्रोफेसर और न्यूरोइंटरवेंशनलिस्ट

तंत्रिका विज्ञान विभाग

Specialist in Paralysis, Epilepsy, headache and other Brain Diseases

80548-00122

क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल लुधियाना (पंजाब)

पक्षाघात, मिर्गी, सिरदर्द और अन्य मस्तिष्क रोगों में विशेषज्ञ

ओपीडी का समय: सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक (बुधवार और शनिवार)

लुधियाना 80548-00122

Department of Neurology Christian Medical College & Hospital Ludhiana-141008 (Punjab)

e-mail: sahontadr@gmail.com

Leave a Comment

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This