चंडीगढ़: पंजाबी हेडलाइन( हरमिंदर सिंह किट्टी) पंजाब में नशे के बढ़ते खतरे को देखते हुए संयुक्त आयुक्त (ड्रग्स कंट्रोल) संजीव कुमार गर्ग के नेतृत्व में राज्यभर में विशेष ड्रग कंट्रोल अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत गैरकानूनी दवा विक्रेताओं, फार्मा कंपनियों और ड्रग माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
ड्रग्स पर रोकथाम के लिए कड़े कदम
संजीव कुमार गर्ग ने साफ किया है कि पंजाब में नशे के अवैध कारोबार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने कुछ खास दवाओं की गैरकानूनी बिक्री और दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं।
पंजाब में नशे का खेल अब खत्म!” “ड्रग्स माफियाओं के लिए खतरे की घंटी – संजीव कुमार गर्ग की कड़ी कार्रवाई शुरू
संयुक्त आयुक्त (ड्रग्स कंट्रोल) संजीव कुमार गर्ग के अनुसार, इन दवाओं के अनुचित उपयोग, ओवरडोज, नशे के रूप में दुरुपयोग और संभावित साइड इफेक्ट्स को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
इन दवाओं पर क्यों रखी जा रही है नजर?
इन दवाओं का गलत इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है:
- प्रेगाबालिन-300 एमजी – आमतौर पर नसों के दर्द और मिर्गी के इलाज में इस्तेमाल की जाती है, लेकिन अधिक सेवन से नशे की लत लग सकती है।
- गैबापेंटिन-400 – नर्व पेन और माइग्रेन के इलाज में दी जाती है, लेकिन कई लोग इसे नशे के लिए उपयोग करने लगे हैं।
- डाइसाइक्लोमिन – पेट दर्द और ऐंठन में दी जाने वाली यह दवा गलत हाथों में जाने पर मादक प्रभाव डाल सकती है।
- टैपेंटाडोल – एक ओपिऑइड पेन किलर, जो जरूरत से ज्यादा लेने पर नशे की लत बना सकता है।
- जोपीक्लोन – नींद की गोली, जो तनाव दूर करने के लिए दी जाती है, लेकिन इसके अधिक सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
- फ्लूटिकासोन – एलर्जी और अस्थमा की दवा, लेकिन कुछ लोग इसे नशे के लिए गलत तरीके से प्रयोग करते हैं।
- कैरीसोप्रोडोल – मांसपेशियों की ऐंठन के लिए दी जाने वाली यह दवा अधिक मात्रा में लेने से मादक प्रभाव देती है।
ड्रग्स माफियाओं पर सख्ती – मेडिकल स्टोर्स और होलसेलर्स पर कड़ी नजर
संजीव कुमार गर्ग के अनुसार, जिन दवा विक्रेताओं और होलसेलर्स पर अवैध रूप से दवाएं बेचने का शक है, उनकी गहन जांच की जाएगी। यदि कोई मेडिकल स्टोर बिना डॉक्टर की पर्ची के इन दवाओं की अधिक मात्रा में बिक्री करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
डिजिटल निगरानी और सख्त निर्देश
- ऑनलाइन फार्मेसी और दवा आपूर्ति पर भी विशेष नजर रखी जा रही है।
- ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम रोजाना फार्मेसियों और गोदामों का औचक निरीक्षण कर रही है।
- यदि कोई ग्राहक एक निश्चित सीमा से ज्यादा दवा खरीदता है, तो उसका रिकॉर्ड प्रशासन को भेजना अनिवार्य होगा।
संजीव कुमार गर्ग की चेतावनी – पंजाब में नशे का कारोबार अब नहीं चलेगा!
संजीव कुमार गर्ग ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “पंजाब को नशामुक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है। अगर कोई भी व्यक्ति, फार्मा कंपनी या मेडिकल स्टोर नशे के सौदागरों के साथ मिला हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।”
अब नहीं बचेगा नशे का कोई सौदागर!” “ड्रग्स के खिलाफ पंजाब में बिगुल – संजीव कुमार गर्ग
जनता से सहयोग की अपील
प्रशासन ने लोगों से भी अपील की है कि यदि उन्हें किसी मेडिकल स्टोर या व्यक्ति द्वारा अवैध दवाओं की बिक्री की जानकारी मिले, तो तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।
“संजीव कुमार गर्ग की सख्ती – पंजाब में नशे पर अब नहीं चलेगा कोई समझौता!”
प्रशासन की कार्रवाई और निर्देश
- दवा विक्रेताओं को विशेष सावधानी बरतनी होगी।
- अगर कोई ग्राहक इन दवाओं की अधिक मात्रा खरीदने की कोशिश करता है, तो उसकी जानकारी संबंधित विभाग को देनी होगी।
संजीव कुमार गर्ग ने स्पष्ट किया कि अगर कोई मेडिकल स्टोर, होलसेलर या फार्मा कंपनी इन दवाओं का अनुचित वितरण करती पाई गई, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।